tag:blogger.com,1999:blog-101707031262171300.post8664657453548999592..comments2023-11-02T21:21:29.057+05:30Comments on ओशो चिन्तन: मनुष्य के साथ क्या हो गया है?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/02514200566679057059noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-101707031262171300.post-65186734334487881882008-04-07T10:46:00.000+05:302008-04-07T10:46:00.000+05:30केवल मनुष्य को छोड़ कर। सब दिव्य शांति में विराजमा...केवल मनुष्य को छोड़ कर। सब दिव्य शांति में विराजमान है. --- शत प्रतिशत सत्य वचन ...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-101707031262171300.post-20827909889880629212008-04-05T10:50:00.000+05:302008-04-05T10:50:00.000+05:30ज्ञान को छोड़ते ही, मन से पीछे हटते ही, एक ये लोक ...ज्ञान को छोड़ते ही, मन से पीछे हटते ही, एक ये लोक का उदय होता है। उसमें हम प्रकृति से एक हो जाते हैं। कुछ अलग नहीं होता है, कुछ भिन्न नहीं होता है। सब एक शांति में स्पंदित होने लगता है।<BR/>यह अनुभूति ही 'ईश्वर' है।<BR/>इश्वर की इस कल्पना से हम कितने दूर आ चुके है. बेहतरीन पोस्ट केलिए धन्यवादManojayahttps://www.blogger.com/profile/13361084233664908295noreply@blogger.com